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गोरखपुर

किसानों की आय दुगुनी करने के लिए कृषि मंत्री ने सुझाए उपाय

UP farmers

गोरखपुरJun 03, 2019 / 10:13 pm

धीरेन्द्र विक्रमादित्य

Surya pratap Shahi

किसानों की आय दुगुनी करने के लिए कृषि मंत्री ने सुझाए उपाय

प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने एक बार फिर दावा किया कि 2022 तक सरकार किसानों की आय दुगुनी करने के लिए संकल्पित है। कृषि, ग्रामीण एवं गरीबों का विकास करना सरकार की प्राथमिकता है और कृषक हित सरकार की प्रमुखता है। प्रदेश सरकार कृषक हित में निरन्तर व संवेदनशीलता के साथ कार्य कर रही है। मंत्री ने सुझाया कि किसानों को सुझाव दिया कि ग्रामसभा की भूमि, खेत की मेड़ों, सड़कों के किनारे, विभिन्न प्रजातियों के पेड़ों को लगाकर इधन, ईमारती लकड़ी तथा प्रदूषण की समस्या को दूर किया जा सकता है साथ इन्हें बेच कर आर्थिक लाभ भी प्राप्त किया जा सकता है।
Surya pratap Shahi
कृषि मंत्री सोमवार को एनेक्सी भवन सभागार सर्किट हाउस परिसर में आयोजित गोरखपुर व आजमगढ़ मण्डल की संयुक्त मण्डलीय खरीफ उत्पादकता गोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि मौजूद थे।
सूबे के कृषि मंत्री शाही ने बताया कि कृषि विभाग विभिन्न योजनाओं का अनुदान सीधे किसानों के खातों में दिया जा रहा है। किसान स्वतः अथवा विकास खण्डों के राजकीय कृषि बीज भण्डारों या तहसील/जनपदीय कार्यालयों में जाकर अपना निशुल्क पंजीकरण अवश्य करायें। भारत सरकार व राज्य सरकार द्वारा 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने हेतु संकल्पित है। उन्होंने नहरों की सफाई कराकर टेल तक पानी पहुंचाने तथा खराब नलकूपों को तत्काल प्रभाव से ठीक कराने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को देते हुए कहा कि किसानों की सिंचाई व्यवस्था बेहतर होन चाहिए।
Surya pratap Shahi
प्रमुख सचिव कृषि अमित मोहन ने कहा कि पूर्वी यूपी में धान की पैदावार के साथ ही दलहन व तिलहन के उत्पादकता की आवश्यकता है। उन्होंने खेती के साथ उद्यान, पशुपालन, मत्स्य आदि की समन्वित व्यवसायिक खेती पर बल दिया इसके साथ ही मृदा स्वास्थ कार्ड के आधार पर संतुलित उर्वरकों का प्रयोग, किसानों के उत्पाद के उचित मूल्य प्राप्ति हेतु विपणन की व्यवस्था, फसल बीमा के अन्तर्गत अधिक से अधिक किसानों को आच्छादित करने, कृषि विविधिकरण द्वारा प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन व आय वृद्धि तथा कृषि यंत्रीकरण को बढ़ावा देने पर जोर दिया।
सचिव पशुधन ने कहा कि पशुपालन कृषि का अभिन्न अंग है। पशुओं से न केवल दूध एवं दुग्ध उतपाद प्राप्त होते है बल्कि उनके गोबर, मूत्र का कृषि में भी उपयोग कर कृषि को लाभप्रद एंव गुणवत्तापरक बनाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि आवारा पशुओं के विचरण पर काफी नियंत्रण किया गया है। सचिव ने गोआश्रय स्थल को जीओ टैगिंग कराने तथा गोवंश के खाने पीने चारे आदि की व्यवस्था ठीक से करने हेतु उसके सत्यापन पर बल दिया।
कृषि निदेशक ने कहा कि कृषि केवल खेती के निमित्त ही नही बल्कि सबके स्वास्थ के लिए भी आवश्यक है। इसलिए उन्नति कृषि, मृदा परीक्षण आदि अति आवश्यक है। उन्होंने जैविक खेती पर देते हुए दुधारू जानवर पालने, खेत की मेड़ों पेड़ लगाने तथा शासकीय योजना का लाभ पाने के लिए कृषि विभाग में कृषिकों के पंजीकरण पर विशेष बल दिया। निदेशक मत्स्य ने मत्स्य पालन को बढ़ावा देने पर बल देते हुए कहा कि किसानों की आय बढ़ाने में मत्स्य पालन का विशेष महत्व है। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा तालाब सुधार, तालाब निर्माण आदि योजनाएं संचालित है जिसमें 40 से 60 प्रतिशत तक का अनुदान अनुमन्य है। आवेदन पत्रों का कोई लक्ष्य निर्धारित नही है, जो प्रस्ताव प्राप्त होता है उसे शासन को संदर्भित कर दिया जाता है। भारत सरकार ने मत्स्य पालकों को केसीसी की सुविधा अनुमन्य किया है।
इस अवसर पर गोरखपुर व आजमगढ़ मण्डल के जिलाधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी आदि मौजूद रहे।
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